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Waqt ke mod pe


Waqt ke mod pe ye kaisa waqt aaya hai,
Zakhm dil ka zubaan par aaya hai,
Na rote the kabhi katon ki chubhan se,
Par aaj na jane kyon phulon ki khushbu se rona aaya hai…..

समंदर से भी गहरी


समंदर से भी गहरी है, मेरे यार की आँखें….!!
नदियों से भी लहरी है, मेरे दिलदार की आँखे….!!
खो जाता हूँ इन नैन में, जो फूल सी सुन्दर है
मेरे प्यार की आँखे..!!
कभी उठता हूँ, कभी गिरता हूँ..!!
जाम से भी नसिली है, मेरे जाने बहार की आँखे……
जल जाता हूँ इन बहारों में, ज्वाला मुखी से भी तेज़ है,
मेरे दिलबहार की आँखे….!
डूब जाता हूँ इन नज़रों मैं, ऐसी है मेरे तलबदार की आँखे…..

इतना Attitude भी मत


इतना Attitude भी मत दिखा ऐ पगली… जिस
पाऊडर से तु Make – up करती है… इस
पाऊडर से हम कैरम खेलते है..😉😉😉

नहीं बन जाता कोई


नहीं बन जाता कोई अपना
…… यूँ ही दिल लगाने से,
करनी पड़ती है दुआ,
…सच्ता दोस्त पाने के लिए रब से,
रखना संभालकर ये याराना अपना,
टूट ना जाए ये किसी के बहकाने से…

अभी इस तरफ निगाह


अभी इस तरफ निगाह ना कर,
मै गज़ल की पलक सवार लूँ,
मेरा लफज़-लफज़ हो आईना..
तुझे आईने में उतार लूँ,
मैं तमाम शब की थकी हुई,
तु तमाम शब का जगा हुआ,
जरा ठहर जा इसी मोड पर..
तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ,
अगर आसमान की नुमाइशों में..
मुझे भी इंज-ए-क्याम हो..
तो मैं मोतियों की दुकान से..
तेरा चेहरा ओर भी निखार लूँ,
कुछ अजनबी तेरे शहर के,
मेरे पास से युँ गुज़र गए..
उन्हें देख के ये तडप हुई,
उन्हें तेरा नाम ले के पुकार लूँ..