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“प्यार से प्यारा है


“प्यार से प्यारा है पैगाम मेरा….
इस पैगाम को वो दिल में बसाएगी………
पढ़ेगी जब वो मेरी आरज़ू, को अपनी आँखों से….
है यक़ीन मोहब्बत में ख़ुशी से आँखे छल्कायेगी….”

तेरी रूह में मिल जाऊ ऐसे जैसे नमक हो समंदर में….
बस तेरा ही प्यार समय रहे हमेशा मेरे अंदर में….
मै तुझसे कभी कुछ मांगने की खता न करू….
तेरे लब हस्ते रहे चाहे मैं दुनिया का मज़ाक ही बनू…..
तू मुझे छोड़ भी जाये तो गम नहीं मुझको….
जिस्म से नही मैं तेरी रूह से प्यार करू….
मुझे न कभी तेरे आँख में कोई आंसू नज़र आये….
इसके लिए मैं सारे ज़माने से अकेला ही लड़ूँ….
न जाने कौन सा जादू तेरे किरदार में है….
मैं जब भी जनम लू तो बस तेरा ही बनू ….

तू शायद मुझे न समझ पाये के कितनी मोहब्बत है मुझमे….
आजा बैठा दे कचहरी में कागजो पे भी अपनी जान तेरे नाम करू….

बर्बाद हो गऐ थे


बर्बाद हो गऐ थे हम दुनियाँ ने यूँ हमको सताया था,
हर एक मोड पे हम गिरते थे किसी ने भी ना हमको उठाया था,
तब तूने ही सनम एक उमीद का दिया जलाया था,
अपने हर एक गम को छुपाकर मुझे जीना सिखाया था,

Jaan se bhi zyada


Jaan se bhi zyada unhe pyaar kiya karte the
Yaad unhe din-raat kiya karte the
Ab un raahon se guzra nahi jaata
Jahan baith kar unka intzaar kiya karte the …!

हसरत थी सच्चा प्यार


हसरत थी सच्चा प्यार पाने की,
मगर चल पडी आँधियां जमाने की,
मेरा गम कोई ना समझ पाया,
क्युँकी मेरी आदत थी सबको हसाने की..

न सोचा न समझा


न सोचा न समझा न सीखा न जाना,
मुझे आ गया ख़ुदबख़ुद दिल लगाना..!!
ज़रा देख कर अपना जल्वा दिखाना,
सिमट कर यहीं आ न जाये ज़माना..!!
ज़ुबाँ पर लगी हैं वफ़ाओं कि मुहरें,
ख़मोशी मेरी कह रही है फ़साना..!!
गुलों तक लगायी तो आसाँ है लेकिन,
है दुशवार काँटों से दामन बचाना..!! …