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किस हद तक जाना


किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है.!

Teri Awaaz Sunne Ko


Teri Awaaz Sunne Ko Tarshe Hai Mann Mera,
Teri Ek Jhalak Paane Ko Bekarar Hai Mann Mera,
Apni Zindagi Ka Har Lamha Tere Saath Guzaru,
Har Pal Bas Yehi Chahta Hai Mann Mera.

मौसम को इशारों से


मौसम को इशारों से बुला क्यों नहीं लेते
रूठा है अगर वो तो मना क्यों नहीं लेते

तुम जाग रहे हो मुझको अच्छा नहीं लगता
चुपके से मेरी नींद चुरा क्यों नहीं लेते

दीवाना तुम्हारा कोई गैर नहीं
मचला भी तो सीने से लगा क्यों नहीं लेते

खत लिखकर कभी और कभी खत को जलाकर
तन्हाई को रंगीन बना क्यों नहीं लेते.

इक तेरी दोस्ती ही


इक तेरी दोस्ती ही मेरे दिल को भाती है,
किसी रात सो जाऊँ जो तुझे याद किये बिना,
कसम से तु ख्वाबों में आ के अपनी याद दिलाती है



Mirza Galib Na Kaho


Mirza Galib Na Kaho Khudko, Tum Koi Shayar Nahi,
Kavi Kaho Na Khudko Tum Koi Ashiq Nahi,
Shayari To Wohi Karte Hain,
Mehboob Ke Ek Ishare Pe Jo Marte Hain……….