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Motivational Quotes - Motivational Status - Motivational SMS



👍हर पतंग जानती हे, अंत


👍हर पतंग जानती हे,
अंत में कचरे मे जाना हे
लेकिन उसके पहले हमे,
आसमान छूकर दिखाना हे….!!!!!👍
💐🙏शुभ प्रभात

​भारत का नया गीत आओ


​भारत का नया गीत
आओ बच्चों तुम्हे दिखायें,

शैतानी शैतान की।

नेताओं से बहुत दुखी है,

जनता हिन्दुस्तान की।।

बड़े-बड़े नेता शामिल हैं,

घोटालों की थाली में।

सूटकेश भर के चलते हैं,

अपने यहाँ दलाली में।।

देश-धर्म की नहीं है चिंता,

चिन्ता निज सन्तान की।

नेताओं से बहुत दुखी है,

जनता हिन्दुस्तान की।।

चोर-लुटेरे भी अब देखो,

सांसद और विधायक हैं।

सुरा-सुन्दरी के प्रेमी ये,

सचमुच के खलनायक हैं।।

भिखमंगों में गिनती कर दी,

भारत देश महान की।

नेताओं से बहुत दुखी है,

जनता हिन्दुस्तान की।।

जनता के आवंटित धन को,

आधा मन्त्री खाते हैं।

बाकी में अफसर-ठेकेदार,

मिलकर मौज उड़ाते हैं।।

लूट-खसोट मचा रखी है,

सरकारी अनुदान की।

नेताओं से बहुत दुखी है,

जनता हिन्दुस्तान की।।

थर्ड क्लास अफसर बन जाता,

फर्स्ट क्लास चपरासी है।

होशियार बच्चों के मन में,

छायी आज उदासी है।।

गंवार सारे मंत्री बन गये,

मेधावी आज खलासी है।

आओ बच्चों तुम्हें दिखायें,

शैतानी शैतान की।।

नेताओं से बहुत दुखी है,.

जनता हिन्दुस्तान की।

✍——————-
🍂🍃🙏🙏🙏🍃🍂

मृत्यु से पूर्व मनुष्य


मृत्यु से पूर्व मनुष्य को पांच ऋण चुकाने होते हैं:-
👉1. माता का ऋण
👉2. पिता का ऋण
👉3. गुरु का ऋण
👉4. घरती का ऋण
👉5. धर्म का ऋण

इन ऋणो को चुकाने के निम्न उपाय कहे गए हैं 👇
👉1. माता का ऋण चुकाने के लिये कन्या दान करना चाहिए।
👉2. पिता का ऋण चुकाने के लिए संतान उत्पति करनी चाहिए।
👉3. गुरु ऋण चुकाने के लिए लोगों को शिक्षित करना चाहिए।
👉4. घरती का ऋण चुकाने के लिए कृषि करें या पेड लगाएं।
👉5. धर्म का ऋण चुकाने के लिये धर्म की रक्षा व धर्म का प्रचार के लिए समय दें।

“मन” का झुकना बहुत ज़रूरी है…
केवल सर झुकाने से भगवान् नहीं मिलते।

🔶🔹🔶🔹🔶🔹🔶🔹🔶🔹🔶🔹🔶🔹🔶🔹🔶🔹🔶

” जिन्दगी की *हर


” जिन्दगी की *हर सुबह*
कुछ *शर्ते* लेके आती है –
और
जिन्दगी की *हर शाम* कुछ *तर्जुबे* देके जाती है…’
‘मंजिल चाहे कितनी भी *ऊँची* क्यों न हो
रास्ते हमेशा *पैरों के नीचे* होते हैं…
जो *निखर* कर *बिखर* जाए वो “*कर्तव्य*” है
और
जो *बिखर* कर *निखर* जाए वो “*व्यक्तित्व*” है…’

​.:)


​.:) 😇✌🏽😇 🙂

किसी ने बहुत अच्छी बात कही है…
​मैं तुम्हें इसलिए सलाह नहीं दे रहा कि मैं ज़्यादा समझदार हूँ​
​बल्कि इसलिए दे रहा हूँ कि मैंने ज़िंदगी में ग़लतियाँ तुमसे ज़्यादा की हैं​ ✌🏽
!!! ​समय और शब्द​ !!!

दोनो का ​उपयोग​ लापरवाही के साथ न करें!

क्योंकि ये दोनो दुबारा न आते हैं न ही मौका देते हैं !!! .

🙏🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🙏🙏🙏

👌”तेरा मेरा”करते 👆एक दिन


👌”तेरा मेरा”करते 👆एक दिन चले जाना
है…………
जो भी कमाया यही रह जाना है।
👉कर ले कुछ अच्छे कर्म,
साथ यही तेरे आना है।
रोने से तो “आंसू”भी पराये हो जाते हैं
लेकिन”:Dमुस्कुराने “से पराये भी अपने
हो जाते हैं ………
मुझे वो 👌रिश्ते पसंद है,
जिनमें “मैं” नहीं “हम” हो।

​ज़िन्दगी में आने की


​ज़िन्दगी में आने की खबर

नौ महीने पहले ही

मिल जाती है,

लेकिन जाने की खबर

नौ सेकण्ड पहले भी

पता नहीं चलती

इसलिए मस्त रहो,

व्यस्त रहो, स्वस्थ रहो

खुश रहो,



‪⭐ *आर्थिक स्थिति* कितनी भी


‪⭐
*आर्थिक स्थिति* कितनी भी अच्छी हो
जीवन का सही *आनंद* लेने के लिए,
*मानसिक स्थिती* अच्छी होनी चाहिए..!!

🌿आज का विचार🌿 *विचार ऐसे


🌿आज का विचार🌿

*विचार ऐसे रखो की तुम्हारे*
*विचारो पर भी किसी को विचार करना पड़े*
*समुद्र बनकर क्या फायदा*
*बनना है तो छोटा तालाब बनो*
*जहाँपर शेर भी पानी पीयें तो*
*गर्दन झूकाकर*

🌿🌼 *सुप्रभात* 🌿🌼

​शहीद जवान के बच्चे


​शहीद जवान के बच्चे की कविता दिल छू गई
ओढ़ के तिरंगा क्यों पापा आये है?
माँ मेरा मन बात ये समझ ना पाये है,
ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है।
पहले पापा मुन्ना मुन्ना कहते आते थे,
टॉफियाँ खिलोने साथ में भी लाते थे।
गोदी में उठा के खूब खिलखिलाते थे,
हाथ फेर सर पे प्यार भी जताते थे।
पर ना जाने आज क्यूँ वो चुप हो गए,
लगता है की खूब गहरी नींद सो गए।
नींद से पापा उठो मुन्ना बुलाये है,
ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है।
फौजी अंकलों की भीड़ घर क्यूँ आई है,
पापा का सामान साथ में क्यूँ लाई है।
साथ में क्यूँ लाई है वो मेडलों के हार ,
आंख में आंसू क्यूँ सबके आते बार बार।
चाचा मामा दादा दादी चीखते है क्यूँ,
माँ मेरी बता वो सर को पीटते है क्यूँ।
गाँव क्यूँ शहीद पापा को बताये है,
ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है।
माँ तू क्यों है इतना रोती ये बता मुझे,
होश क्यूँ हर पल है खोती ये बता मुझे।
माथे का सिन्दूर क्यूँ है दादी पोछती,
लाल चूड़ी हाथ में क्यूँ बुआ तोडती।
काले मोतियों की माला क्यूँ उतारी है,
क्या तुझे माँ हो गया समझना भारी है।
माँ तेरा ये रूप मुझे ना सुहाये है,
ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है।
पापा कहाँ है जा रहे अब ये बताओ माँ,
चुपचाप से आंसू बहा के यूँ सताओ ना।
क्यूँ उनको सब उठा रहे हाथो को बांधकर,
जय हिन्द बोलते है क्यूँ कन्धों पे लादकर।
दादी खड़ी है क्यूँ भला आँचल को भींचकर,
आंसू क्यूँ बहे जा रहे है आँख मींचकर।
पापा की राह में क्यूँ फूल ये सजाये है,
ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है।
क्यूँ लकड़ियों के बीच में पापा लिटाये है,
सब कह रहे है लेने उनको राम आये है।
पापा ये दादा कह रहे तुमको जलाऊँ मैं,
बोलो भला इस आग को कैसे लगाऊं मैं।
इस आग में समा के साथ छोड़ जाओगे,
आँखों में आंसू होंगे बहुत याद आओगे।
अब आया समझ माँ ने क्यूँ आँसू बहाये थे,
ओढ़ के तिरंगा पापा घर क्यूँ आये थे ।
Dil ko Chu jaye to share karna


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